पद राग मारवाडी नं॰ १०९
सहेल्यां फागुन आयो ये, खेलो होली।
खेलो होली अवसर जावे भोली॥टेर॥
मानुष रो तन पावियो, भरो भजन झोली।
बार बार मिलना है मुश्किल चौरासी भटकोली॥१॥
मिलना श्याम सूरत मन रलिया, हिल मिल रमण करोली।
घूमर देबो लूर गावो, पदमण पद परसोली॥२॥
हरष हुलस निरखो नारायण, भलक रही सेली।
श्री दीप कहे सतगुरु ईश्वर के चरण शरण रेवोली॥३॥