श्री स्वामी माधवानन्द आश्रम " दैनिक जीवन में योग " की १० वीं वर्षगाँठ के आयोजन पर परम् पूज्य विश्वगुरु महामण्डलेश्वर परमहंस स्वामी श्री महेश्वरानन्दपुरीजी महाराज को आमंत्रित किया गया।
इस शुभ अवसर पर वहाँ उपस्थित सभी व्यक्तियों ने स्वामीजी के आशीर्वचनों द्वारा चक्र व कुंडलिनी के आत्म ज्ञान, अर्थ, गुण और गुरू के महत्व आदि विषयों के बारे में ज्ञान अर्जित किया। स्वामीजी ने यह भी बताया कि चक्रो के द्वारा हमारे शरीर के संतुलन को बनाये रखने में सहायता मिलती है व कुंडलिनी के द्वारा शरीर को तनावमुक्त रखा जा सकता हैं।
अंत में स्वामीजी ने प्रार्थना, आरती, सत्संग व जप के समय सदैव आँखो को खुला रखने का संकेत दिया जिससे कि आपके व गुरु के मध्य संबन्ध बने रहे तथा उनमें आपके ह्रदय के आंतरिक विचारों व विकारों द्वारा किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।