वर्ल्ड पीस फोरम महात्मा गांधीजी की जयंती व अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर
महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर
२ अक्टूबर २०१४ को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधीजी की जयंती पर ऑस्िट्रया के विएना में श्री स्वामी माधवानन्द वर्ल्ड पीस कौंसिल और योगा इन डेली लाइफ की छत्रछाया में वर्ल्ड पीस फोरम का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में पूरे ऑस्ट्रिया और उसके पडोसी देशों स्लोवाकिया, चेक गणराज्य, स्लोवेनिया, क्रोएटिया, हंगरी व जर्मनी के लोग शामिल हुए। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं ने सभी को यह याद दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस दिन को अहिंसा दिवस के रूप में मनाने के लिए मान्यता दी जा चुकी है।
आज से २० वर्ष पहले पूजनीय अबुनथ स्वामी महेश्वरानन्द ने श्री स्वामी माधवानन्द वर्ल्ड पीस कौंसिल की ओर से विश्व शांति समिट स्थापित किया था । इन २० वर्षों में इस तरह के समिट से कई लोगों के बीच गांधीजी के अहिंसा व सनातन धर्म का कंसेप्ट संदेश बनकर पहुंचा। इस दौरान कई देशों के लोगों ने अपने यहां इस तरह के समिट करवाने के लिए जगह दी। अब इस समिट की शुरूआत ऑस्ट्रिया के विएना से की गई है। कौंसिल के अध्यक्ष एच. एच. अबुनाथ स्वामी जी ने मानवता की शांति व जनकल्याण और पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए एक सस्कृत शांति मंत्र के जरिए पीस फोरम का शुभारंभ किया था। उस समय शांति के प्रतीक के रूप में मोमबत्ती जलाई गई थी और कौंसिल के उपाध्यक्ष मोनसाइनर डेविड कैप्पो ने ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड से सभी को यह संदेश दिया था।
तब कई प्रतिनिधियों ने इस विषय को आपस में शेयर किया कि अहिंसा एक अलग एक अलग तरह का बिन्दु है जो हमें यह बहुत प्रेरणा व विचार देता है कि हम व्यक्ितगत रूप से किस तरह अपने नियमित जीवन में कुछ दान कर सकते हैं जिससे कि विश्व में और अधिक शांति व अहिंसा बनी रहे।
शांति और अहिंसा के विचारक :
- डॉ. मैनफ्रेड स्टेप्पोनेट, अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय श्री दीप माधवानन्द आश्रम फेलोशिप ।
- स्वामी प्रेमानन्द, ॐ आश्रम, जडान (भारत)।
- ग्रेगर कोस, महासचिव, स्लोवेनिया गणराज्य के शिक्षा, विज्ञान व खेल मंत्रालय ।
- क्लोडिया मेटजोवस्की संस्थापक योगा इन डेली लाइफ के आयुर्वेद एकेडमी ।
- जास्मिन देवी, अभिनेत्री व "प्रो-अहिंसा" संस्थापिका , विएना (ऑस्ट्रिया) ।
- जोसेफ वार्जेल, योगा इन डेली लाइफ विएना ।
- कारोली कोवाक्स - कृष्णानन्द, अध्यक्ष, योगा इन डेली लाइफ हंगरी ।
- डॉ. नरेश शीतल, ऑफटेलमोलोजिस्ट, विएना (ऑस्ट्रिया) ।
- श्री आलोक राज, परामर्शदाता, भारतीय दूतावास।
- पूजनीय परमहंस स्वामी महेश्वरानन्दा, सस्थापक, श्री स्वामी माधवानन्द वर्ल्ड पीस कौंसिल और लेखक योगा इन डेली लाइफ सिस्टम ।
परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द ने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व श्री अलखपुरी जी सिद्ध पीठ परम्परा के गुरुजणों के एकता का संदेश लोगों तक पहुंचाया। पूजनीय स्वामीजी ने मानव मन में शांति का तरीका अपनाने पर जोर दिया और कहा कि इस दौरान पूरे पृथ्वी प र ह जारों की संख्यां में एनजीओ हमारी सुन्दर मातृभूमि के संरक्षण के लिए काम करते हैं , लेकिन शांति के लिए व्यक्ितगत रूप से हम क्या कर सकते हैं। इसके लिए हमारे हाथ में एक शक्तिशाली हथियार है और यह है कि पशुओं का वध करके उनका मांस खाना व बांटना रोक देना चाहिए। यह हमें शांतिप्रिय बनाने में सहायक होगा।
प.प. स्वामी महेश्वरानंद ने कहा कि मांस खाने व बांटने से हम अपने पर्यावरण को जहर दे रहे हैं। यदि हम अपनी जीवनशैली को जल्द परिवर्तित नहीं करेंगे तो हम महत्वपूर्ण रूप से पीडित हो जाएंगे। हम ऐसे शस्त्र बनाते हैं, जो कि अंतत: हमारे खिलाफ ही इस्तेमाल होते है। इस तरीके से बिना वजह किसी को मौत देने से शांति लाने में सहायक नहीं हो सकता। हमारा जन्म संरक्षण करने के लिए हुआ है, न कि नष्ट्र करने के लिए।
स्वामीजी ने बताया कि पशु भी हमारी तरह जीवित रहना चाहते हैं और जब हम ऐसा कृत्य करते हैं तो पशुओं को बहुत ही पीडा होती है, परंतु उनकी इस भाषा को हम समझ नहीं पाते। ज्यादा से ज्यादा लोगों को शाकाहार ही अपनाना चाहिए। यह न केवल नैतिकता व मानवता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि ऐसा करने से हम खुद को और कई पशुओं को पीडित होने से बचा सकेंगे। साथ ही हम ऐसा करके अपनी पृथ्वी को महत्वपूर्ण दान देंगे, जिससे जलवायु की तबाही व पर्यावरण के असाध्य विनाश नहीं हो।
अंत में इस अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड पीस फोरम में पधारे सभी प्रतिनिधियों का अभिनंदन व प्रशंसा विएना में भारतीय राजदूत की ओर से किया गया ।