श्री अलखपुरीजी सिद्धपीठ परम्परा के पीठाधीश्वर विश्वगुरु महामण्डलेश्वर परमहंस स्वामी श्री महेश्वरानन्द पुरी जी महाराज द्वारा २५ दिसम्बर को सभी गरीब परिवारों व वहाँ कार्यरत सभी कर्मचारियों को ॐ विश्वदीप गुरुकुल आश्रम में कम्बल वित्तरित किये गये।
इस शुभ मौके पर स्वामी योगेश पुरी जी, स्वामी फूलपुरी जी, जाडन ग्राम के सरपंच एवं विभिन्न देशों से आये हुए विदेशी भक्तों द्वारा गरीब मजदूरों को कम्बल ओढाये गये। प्राणीमात्र में परमात्मा का वास होता है इसीलिए प्राणीमात्र की सेवा परमात्मा की सेवा है। जनसेवा ही भारतीय संस्कृति का मूल धर्म है। जनसेवा भारतीय संस्कृति की महानता में चार चाँद लगा देता है।
इस अवसर पर लोग बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे थे, प्रसन्नता से उनकी आँखों से अश्रुधारा बह रही थी, उन सभी ने स्वामीजी को बहुत आभार प्रकट किया। भविष्य में भी हम इस परंपरा को बनाए रखेंगे।
पत्रिका प्रकाशन में भी इस बात की पुष्टि की गई।