कक्षा का प्रारंभ सुबह ६ बजे सर्व हित आसन स्तर-१ के साथ किया गया, जो कि वैज्ञानिक मास्टर "दैनिक जीवन में योग, एक पद्धति" जिसे स्वयं विश्वगुरुजी द्वारा विकसित किया गया, जो कि आधुनिक समय के लोगों के लिए प्रामाणिक प्राचीन योग शास्त्र पर आधारित हैं। ये सभी व्यायाम सभी के लिए अच्छे है और इन्हें कोई भी उम्र का व्यक्ति जीवन के किसी भी कदम पर कर सकता हैं।
वॉर्मिंग और शरीर की माँसपेशियों को फैलाने वाले व्यायाम जिनका मुख्य अनुक्रम खाटू प्रणाम है, के द्वारा किया गया। उसके बाद विश्वगुरुजी द्वारा प्राणायाम का मतलब बताया गया और विभिन्न प्रकार के प्राणायाम जिनमें नाडी शोधन, भस्त्रिका और कपाल भाटी का प्रदर्शन व अभ्यास किया गया।
यह असाधारण योग कक्षा चिडाकाश और हृदयाकाश ध्यान के द्वारा पूर्ण की गई जिसमें हृदय चक्र एवं आंतरिक अंतरिक्ष का अवलोकन किया गया जो कि सम्पूर्ण विश्व में प्यार और दया की भावना बाँट रहा है।
ॐ शांति: शांति: शांति:।
योगमेव जयते - योग की जय हो।