यूरोप के उत्‍तरी क्षेत्र की गर्मी की ऋतु में आयोजित रिहाइशी योग सम्‍मेलनों में स्‍वामी जी बहुत सालों से अनगिनत बार अध्‍यात्‍म के विषय में शि‍क्षा देते रहे हैं । साथ ही साथ योगासन भी करवाते रहे हैं । और अब २०१४ का दैनि‍क जीवन में योग के ग्रीष्‍म सम्‍मेलन इस सप्‍ताह वेप, हंगरी में शुरू हो गये हैं।

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इन दो सप्‍ताहों में इन सम्‍मेलनों में दिये जानेवाले स्‍वामी जी के भाषणेां का मुख्‍य विषय मणिपूर चक्र हैा यह मानव शरीर की नाभि में एक शक्तिशाली उर्जा का केन्‍द्र होता है । यह चक्र शारीरिक, मानसिक एवं आध्‍यात्मिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिये बहुत म‍हत्‍वपूर्ण है । इसलिये स्‍वामी जी इसे सक्रिय व सामंजस्‍य पूर्ण बनाये रखने के लिये विशेष रूप से आसनों का अभ्‍यास अपनेआप ही करवा रहे हैं । पिछले साल के ग्रीष्‍म सम्‍मेलनों में शुरू की गई ब्रह्रम ज्ञान क्रिया को वह इस बार भी सिखा रहे हैं। ब्रह्रम ज्ञान क्रिया गहरी आध्‍यात्मिक साधना और मंत्र ध्‍यान की मूलभूत प्रक्रिया हैा