वनुआ लेवू फिजी आईलैंड में आयोजित अनुष्ठान में परमहंस स्वामी महेश्वरानन्द ने श्री आदि शंकराचार्य की आपोरक्षा अनुभूति के विषय में बताया और उसकी व्याख्या भी की इसमें भाग लेने आये लोगों ने श्री आदि शंकराचार्य के जीवन के विषय में जाना ऐसा लगता था जैसे शंकराचार्य की आत्मा वहां रोज होनेवाले सत्संगों में उपस्थित रहती थी ।
स्वामी जी ने शंकराचार्य के कामों को बडी निपुणता से इतना सरल कर दिया कि लोग उन्हें आसानी से समझ जायें। वहां एकत्र लोगों ने शंकराचार्य के शब्दों का विज्ञान, मार्ग तथा प्रत्यक्ष अनुभव फिजी के उस सुन्दर और सहज वातावरण में बडी सरलता से आत्मसात कर लिया।