आबूनाथ अवधूत अभ्यास अनुभूति अमृत बिंदु क्रिया
ज्ञान के लिए एक पवित्र क्रिया जो स्वामीजी के द्वारा पहली बार प्रस्तुत की गई है।
यह सबसे शक्तिशाली क्रिया हमें महान संतों से प्राप्त है । हमारे श्री देवपुरीजी स्वयं भगवान शिव है और उनकी महिमा हजारों नामों में है । आबूनाथ अवधूत, आबू पर्वत के नाथ है। श्री देवपुरीजी निर्भय अवधूत संन्यासी, जीवनमुक्त के रूप में प्रसिद्ध है। । स्वयं ब्रह्मा और विष्णु ऐसे महान् योगियों की सेवा में रह्ते हैं। हमारा अभ्यास उनकी अनुभूति है। हम को अभ्यास करके उस अनुभव तक पहुँचना है जो अमृत बिंदु कहलाता है।
तो आबूनाथ-अवधूत -अभ्यास-अनुभूति-अमृत-बिंदु क्रिया- ये सब पूरा पता और नाविक है जो उस गंतव्य की ओर ले जाता है, जहाँ आप सुख पाएंगे।