प्रत्यङ् तिष्ठन् धातोदङ् तिष्ठन् सविता॥२१॥

तृणानि प्राप्त: सोमो राजा॥२२॥

 
Deveshwar-Mahadev-gosala8

पश्चिम की ओर खडे होते समय धाता और उत्तर की ओर खडे होते समय यही सविता देवता है॥ घास चरते समय यही नक्षत्रों का राजा चन्द्रमा हैं॥